Bhojpuri Kavita in Hindi

Bhojpuri Kavita in Hindi – प्रेम नारायन तिवारी

झरे लागल महुआ के पात, बुझाता मधुमास आईल काहो? सखी अमवा देखाला मोजरात, बताव मधुमास आईल काहो?? कू कू कुहुकेले वन के कोइलिया, भंवरा के भावत बा फुलवन के गलिया! …

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