Headphone vs Earphone ज्यादा खतरा किससे है 😮 Saftey Tips | Hearing Loss From Earphone ?

Headphone vs Earphone





आज से इस ब्लॉग में हम बात करेंगे | Headphone vs Earphone में से ज्यादा खतरा किससे है 😮 ओर इसके Saftey Tips | Hearing Loss From Earphone?  Headphone vs Earphone.

Contents

Hearing Loss क्या है?

दोस्तों आजकल बहुत से लोग नई बीमारी का शिकार बन रहे हैं जिसका नाम है, Hearing Loss और सबसे बड़ी कमाल के बात तो यह है कि यह बीमारी नीचे ही नीचे धीरे-धीरे बढ़ती रहती है | जिसका एकदम से पता चलता है लेकिन तब तक यह बहुत देर हो चुकी होती है दरअसल लाउड वॉइस की तरफ से इनर इयर की छोटी-छोटी कोशिकाएं जिन्हें हेयर सेल्स भी बोलते हैं | वह सभी सेल्स डैमेज होते चली जाती है और आपको बता दूं कि साउंड से होने वाले एरिंग लो उसका कोई भी इलाज नहीं है |

यह एक परमानेंट प्रॉब्लम है | क्योंकि इंसानों के विनर ईयर सेल्स कभी भी री-जेनरेट नहीं होते हैं और इस प्रॉब्लम का तब पता चलता है | जब तक मोस्टली हेयर सेल्स डैमेज हो चुके होते हैं तो आप अपने पूरे दिन में से 5 मिनट का समय निकालकर इस ब्लॉग को जरुर से पूरा पढ़िए | जिसमें आप लोगों को यह बात बताई जाएगी कि कैसे आप Hearing Loss से बच सकते हैं, और साथ ही Headphone vs Earphone में से कौन से हेडफोन आपके लिए बढ़िया हैं, और कैसे आप इनका यूज करेंगे तो चलिए जान लेते हैं इस महत्वपूर्ण जानकारी को।

ईयरफ़ोन से सुनने की क्षमता कम होना?

सबसे पहली बात यह है कि साउंड को डेसिबल्स में मापा जाता है और हमारे कानों के लिए 85 डेसीबल तक सुनना से होता है यदि आप इसके ऊपर जितना जाएंगे तो यहां आपके कानों के लिए बहुत ही बड़ा खतरा हो सकता है अगर आपको मैं एग्जांपल के थ्रू बताऊं तो जब दो लोग किसी की चुगली करते हैं या फिर खुश-खुश आ कर बात करते हैं तो वह आवाज अप्रॉक्स 6 डेसिमल्स की होती है, जबकि किसी रॉकेट लॉन्च किया बंदूक से निकली गोली की आवाज करीब 120 से 130 डेसीबल तक पहुंच जाती है जोकि एक आम इंसान के लिए बहुत ही ज्यादा है और यह हमारे कानों के लिए बिल्कुल भी सेव नहीं है और यदि इसे कंपेयर करें |

मोबाइल से जब हम ईयर फोन लगाकर म्यूजिक की वॉल्यूम को तेज कर देते हैं तो वहां लेवल करीब 110 डेसीबल तक पहुंच जाता है | तो आखिर इसके रिजल्ट्स कैसे होंगे इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं और इस तरह का लाउड म्यूजिक यदि आप हर रोज ज्यादा देर तक सुनते हैं तो इसका आपके कानों पर बहुत ही ज्यादा बुरा असर हो सकता है जिससे आपकी सुनने की शक्ति धीरे-धीरे कम होती चली जाएगी और यहां बात हम आप लोगों को पहले ही बता चुके हैं कि हियरिंग लॉस का कोई भी इलाज नहीं है इसके अलावा यदि आप ज्यादा टाइट इयरफोंस यूज करते हैं तो हमारा इनर इयर बारी हवा के कांटेक्ट में नहीं रहता है |

ये भी पढ़े:-

2022 के सबसे ज्यादा बिकने वाले Smartphones जिनकी कीमत 10,000 रूपये से भी कम है |

जिसकी वजह से कानों में इनफेक्शंस के चांस भी बढ़ जाते हैं साथ ही राइट इयरफोंस से हमारे कानों में भी दर्द उत्पन्न हो सकता है इसी के साथ यदि आप किसी और के इयरफोंस को यूज करते हैं और उनके कानों में यदि किसी तरह का इंफेक्शन है या फिर उन्हें कोई बीमारी है |तो यह बीमारी आपको भी लग सकती हैं वैसे तो हियरिंग लॉस के अलग-अलग केस सामने आते हैं किसी को अचानक से ही ईयररिंग यूज हो जाता है तो किसी को धीरे धीरे या बीमारी लगती है कई लोगों को तो वॉइस फ्लक्चुएटिंग की बीमारी है।

यानि के कभी किसी आदमी को तेज आवाज सुनाई देती है। तो कभी हुसैन धीमी आवाज सुनाई देती है जबकि किसी किसी आदमी को एक्स्ट्रा वॉइस सुनाई देती रहती है इसके होने का एक बिगिनिंग साइन यह बताया जाता है कि आपको मक्की के दिन बनाने जैसी आवाज सुनाई देती है वह भी बिना किसी मतलब के और कई बार यह प्रॉब्लम जो है यह रिंग उससे कहीं ज्यादा हो सकती है अब इससे बचने के लिए आपको किन किन बातों का ध्यान रखना है।

Hearing Loss बीमारी से बचने के तरीके |

सबसे पहला और इंपॉर्टेंट पॉइंट जो है की लाउड म्यूजिक फॉर लोंग ड्यूरेशन यदि आप लोग ज्यादा तेज आवाज में फुल वॉल्यूम में 4 से 5 घंटे या फिर इससे ज्यादा गाने को सुनते हैं तो यह नुकसान का आपके लिए सबसे बड़ा कारण है और मान लीजिए यदि आप लोगों को लंबे समय तक गाने सुनने ही हैं तो आप अपने मोबाइल की वॉल्यूम को 60 परसेंट तक रख सकते हैं इससे साउंड लेवल 75% तक ही रहेगा जो कि आपके कानों के लिए बहुत ही ज्यादा सुरक्षित हैं मतलब कि यदि आप लोगों के मोबाइल में जो वॉल्यूम बाहर है वह 10 स्टेप्स में बढ़ता है और घटता रहता है तो उसको अपने तक ही रखें यानी कि 60% तक।




अगला पॉइंट या है कि बेस्ट स्टीरियो इफेक्ट के तरीके को अपनाएं जिससे कि वह ज्यादा तेज आवाज ना करनी पड़े और राइट को राइट में और लेफ्ट को लेफ्ट में इसके अलावा आप इक्विलाइजर को सेट करके रख सकते हैं और बेस्ट क्वालिटी का म्यूजिक ही सुनो ताकि जो वह कल से वह आपको क्लीयरली सुनाई दें और ज्यादा तेज आवाज करने की आपको जरूरत ना पड़े साथ ही कुछ लोग एक और गलती कर बैठते हैं कि वह लोग रात को या फोंस लगाकर गाने सुनते सुनते ही सो जाते हैं और सारी रात वह गाने कानों में बजते रहते हैं तो इसके लिए हाथ म्यूजिक स्टॉप टाइमर का यूज कर सकते हैं आईफोन और आईपैड में धोया ऑलरेडी फ्यूचर दिए हुए हैं लेकिन एंड्राइड यूजर के लिए आप प्ले स्टोर से कोई ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं।

हेडफोन और एअरबड्स में से कौन सा बढ़िया है |

अब सवाल यह आता है की हेडफोन और एअरबड्स में से कौन सा बढ़िया है लाइक एयर फोंस वैसे तो सभी लोगों को एयरफोन से कह दिया जाता है लेकिन इनमें से किस का यूज़ करना आपके लिए बैटर हो सकता है देखो जो कि एयरबड्स होते हैं। वह बाहर की नॉइस को ठीक से ब्लॉक नहीं कर पाते हैं। तो इसकी वजह से हमें आवाज को और तेज करना पड़ता है और तेज आवाज से जो भी नुकसान होता है उनके बारे में तो आप लोग जान ही चुके हैं और इस केस में यदि आप लोग वोट कर सकते हैं |

तो नॉइस कैंसिलेशन वाले एयरबड्स का ही यूज़ करें। जो कि बाहर के नोट्स को कम कर देता है जिससे कि वॉल्यूम को कम रखने पर भी हमें सही साउंड क्वालिटी का मजा आता है लाइक जो एप्पल के लेटेस्ट एयर बर्ड्स है या फिर किसी भी दूसरी कंपनी के एअरबड्स में यदि आप लोगों को नॉइस कैंसिलेशन का फीचर मिलता है तो आप उन्हीं को परचेज करें।

ये भी पढ़े:-

नींबू पानी के 8 अद्भुत फायदे |

इसके अलावा दोस्तों एयर बर्ड्स हेडफोंस के बजाएं कानों में ज्यादा अंदर तक फिट हो जाते हैं तो यदि हम मोबाइल के वॉल्यूम का सेम लेवल भी रखें तो एयर बर्ड्स लगाने पर हमको हेडफोंस की वजह 9 डेसिबल ज्यादा तेज आवाज सुनाई देती है मतलब की उतनी ही आवाज रखने पर हमें एयरबड्स में 9 डेसिबल ज्यादा आवाज सुनाई देगी इसका मतलब कि वह नुकसान भी थोड़ा ज्यादा करेगी साथ ही यदि इसके साउंड क्वालिटी की बात करें तो स्पेशली इसका जो देश होता है वह हमेशा हेडफोंस में ज्यादा होता है |

साथ ही हेडफोंस पहनने में आपके लिए बहुत ही ज्यादा कंफर्टेबल होते हैं जैसे कि कानों में दर्द भी नहीं होता है आपने देखा होगा कि म्यूजिक कंपोजर्स जो होते हैं वह भी हेडफोंस का यूज करते हैं जिन लोगों को अभी तक हमारी बात मजाक लग रही है वह इस बात को सोच सकते हैं की रेलवे ट्रैक पर कुछ ले जाने वाले लोगों ने मोबाइल में कितनी तेज आवाज कर रखी होगी कि उनको ट्रेन का होरन भी सुनाई नहीं देता है जिस वजह से उन्हें अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा तुम दोस्तों आप को अपने शरीर की इतनी इंद्रियों में से सुनने की शक्ति यानि की अपने कानों का ध्यान रखें। Headphone vs Earphone


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *