Education tips for success— अच्छी शिक्षा

Education tips



  1. अच्छी शिक्षा के लिए शिक्षार्थी को अच्छे आचरण की जरूरत पड़ती है| education tips
  2. अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए नियमित समय से अपने पदन पाटन के लिए – तैयार रहना चाहिए आ अच्छी शिक्षा प्राप्त तभी हो सकती है जब मन शान्त रहे । अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए कुशल दर्शक (गुरु) की आवश्यकता होती है मार्ग शिक्षा प्राप्त करने के लिए माता-पिता का व्यवहार शिक्षित व्यक्तियों जैसा होना चाहिए । क्योंकि कहा जा है कि माता ही बच्चे की प्राथमिक पाठशाला है।
  3. शिक्षा में मानवीय मूल्यों का होना जरूरी है मानवीय मूल्य जैसे – सदाचार, ईमानदार भाई-चारा इत्यादि के में नैतिकता है कि रोजगार प्राप्त @ शिक्षा के क्षेत्र में अतिकता को होना जरूरी है|
  4. शिक्षा प्राप्ति के समान अवसर का लाभ उठाने के लिए हमे स्वयं परिश्रम करना चाहिए ।
  5. Best education से व्यक्ति के नैतिक मूल्यों का विकास करना चाहिए । सभी को एकसमान शिक्षा और समान अवसर यास करना प्रदान करना अभिभावकों व सरकार “जिम्मेदारी को निभाना । व अच्छी शिक्षा के लिए सही शब्द का ज्ञान होना जरूरी है।
  6. education के लिए उसके वर्तनी का सही ज्ञान होना ।
  7. अच्छी शिक्षा में शुद्ध उच्चारण के ज्ञान का होना जरूरी है।
  8. अच्छे विद्यार्थी को अच्छा आचरण करना चाहिए ID लेखन व पढ़न कार्यों में शुद्धता का ज्ञान होता
  9. अच्छी शिक्षा के लिए घर का प्रतीक सदस्यको बच्चों से अच्छा आचरण अपनाना । अच्छौ शिक्षा के लिए महान व्यक्तियों के आचरण अनुकरण करना चाहिए । अच्छी शिक्षा के लिए पढ़ना सामाग्री की उपलब्धता का होना । पाठन शिक्षा अच्छी तभी हो सकती है जब उसमें किताबी ज्ञान साथ-साथ सांसरिक ज्ञान भी होना (श्श अच्छी के लिए अनुशासन का होना जरूरी है 23) अच्छी शिक्षा के लिए अक्षर के बॉस जीवनरीदा के मूल्यों का होना जरूरी है। का नहीं पर परिवार के सभी व्यक्तिको सदस्यों को अपशब्दों से बचना चाहिए ताकि बच्चे अपशब्दन सोखे। बच्चों को उत्साहित करना चाहिए अच्छे कार्यो के अच्छे गुशों के विकास के लिए व्यक्ति को रखे गुगवान होना चाहिए ।
  10. अच्छी शिक्षा के लिए समय दुस्थान का कोई महत्व नह जब शिक्षार्थी अच्छे कार्यों के लिए प्रेरित हो उसे अच्छी प्रेरणा अच्छे व्यक्ति से ही की मिलती है।
  11. एक अच्छीकी शिक्षा के लिए सा विद्यार्थीयों को आधुनिक तकनीकी साधनों के साथ शिक्षा मिलनी चाहिए। विद्यार्थीयों के रुचियों की जांच करके उसके रूचि के विषय का ज्ञान देना चाहिए जिससे उसमे नैतिक मूल्यों का विकास हो और शिक्षाथी अच्छे कार्य करें ।
  12. अच्छी शिक्षा के लिए मौदिक सुख साधान साधन को प्राप्त नहीं करती बाल्क आत्मसम्मान भावना का विकास करती है।
  13. अच्छी शिक्षा के व्यायाम के साथ सीखने को प्रेरित करना चाहिए ।
  14. व्यायाम से बच्चों की स्मृति व में वृद्धि होती है। खार्च दोनों 33 अच्छी शिक्षा में खेल-कूद का होना अनिवार्य है। जिससे बच्चों के शारिरीक विकास भी होता है।
  15.  अच्छी शिक्षा के लिए निरन्तर पठन-पाठन होता है।
  16. एक एक ही विषय को लगातार नहीं पढ़ना चाहिए कुठ स्तुि विषय में कठिनाईयों करते है आती है उसे (सुबहले पढ़ना चाहिए | सबसे 30 सभी विषय का अपना-अपना महले विषय को कमतर नहीं आका जा सकता । है आधुनिक में तकनीकी शिक्षा पर बल अ दिय जता है लेकिन सामान्य विषयक अंग्रेजी, उर्दूटिरी इत्याद का ज्ञान होना अनिवार्य अधिक 1 बच्चों को विद्यालय के बाद कोचिंग मा घर पर उनका सहयोग करना चाहिए ताकि उनकी कठिनाइयों को दूर किया जा सकें ।
  17. पठन-पाठन में सभी विषयों का अपना एक महत्वपूर्ण स्थ. होता है बच्चों के खान-पान पोषण युक्त) जाना चाहिए। भोजन दिया बच्चों में साफ-सफाई का ख्याल रखना चाहिए जिससे व अस्वस्थ्य (बीमार) न पड़े । बच्चों में नियमितता का भी होना जरूरी है जिससे वे सभी कार्य समय से पूरा करे ?
  18. विद्यालय में शिक्षकों के साथ अच्छा आचा का होना जरूरी है।
  19.  विद्यालय सो घर अपने सहपाठियों के साथ प्रेम और सहभाग की भावना का होना जरूरी बच्चों के पठन सामाग्री- कपड़े, जूते, बैग, बुक, पेन आई का पर्याप्त भाग में होनी चाहिए ताकि वो अपमानित नहीं  बच्चों को नकारात्मक भावना से बचाना चाहिए।
  20. बच्चों नकारात्मक भावना को के रोकथाम के लिए बच्चों में स्नेहन सहयोग का भाव होना चाहिए। उचित कदम उठाये जाने चाहिए जिससे अपराधीय बन जाये बच्चों में संरचनात्मक कार्यों को अधिक से अधिक दिया जाना चाहिए जिससे उसके कलात्मक पक्षों का विकास हो सके।
  21. अच्छी शिक्षा के लिए सामान्य व शादिशक रूप से विडे बालकी में कोई भेद-भाव नहीं लेनी करना चाहिए। (5) बच्चों की जिज्ञासाओं का दमन नहीं करना चाहिएए
  22. बच्चों के साथ कपटपूर्ण व्यवहार नहीं करना चाहिए अच्छी शिक्षा के लिए स्वंम अधिक से अधिक परिश्रम
  23. करना चाहिए। अपने रूचि के अनुसार सही दिशा निदेश को प्राप्त करना चाहिए। शिक्षा जीवन पर्यन्त चलती रहती है। इसका अन्त नहीं होता! अच्छे कार्यों के लिए प्रेरणात्मक कहानीयों को भी पढ़ना चाहिए। – बच्चों में अच्छी शिक्षा तभी प्रदान कि जा सकती है, जब उन्हें सामाजिक कुरीटियों से दूर रहने व उससे होने वाली छायों की जनकारीयों से अवगत कराया जाय। बच्चों में किशोरावस्था को ध्यान में रखकर उसके कार्यों का निरीक्षण करना चाहिए।
  24. शिक्षा तो भूणावस्था से मृत्युपर्यन्त चलती है लेकिन इस परिस्थितियों में वातावरण का भी प्रभाव पड़ता है। शिक्षा करते समय अतिवाद का न होना । ग्रहण शिक्षार्थीयों को पूर्ण ज्ञान प्राप्त करके भी उससे आगे की खोज करने का प्रयास करना । अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए हमें अभ्यासरत रहना जरूरी है।
  25. 21.शिक्षकों के द्वारा दिया गया गृह कार्य समय से पूरा करना ।
  26. सामाजिक रीति-रिवाजों को भी ध्यान में रखकर अपने -अध्ययन को करते रहना और उनके गुणों को समझना
  27. बालकों को विद्यालय से भाग जाने की गलत आदतों पर डाकुला लगाना चाहिए इसमें अभिभावकों को शिक्षकों का सहयोग करसी ।
  28. अभिभाषक- शिक्षक बैठक में भाग लेना और बच्चों शिक्षण समस्याओं का निराकरण करना | लिए अच्छी शिक्षा के लिए बच्चों को समय- सारडी के अनुसार पढ़ना चाहिए। चित्रकारी भी सीखने का महत्वपूर्ण साधन है। कि अच्छे शिक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
  29. अच्छी शिक्षा के लिए प्रकाश विद्युत व्यवस्था का होना भी जरूरी होता है।
  30. अच्छी शिक्षा के लिए अपनी शिगधी को स्नान ध्यान समय पर करना चाहिए अथवा उदाहरण के साथ बताना चाहिए ताकि उसके समझ में आ जाए और आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करनी चाहिए जैसो कि Computer, Internet Mobile phone का भी ज्ञान होना चाहिए|
  31. शिक्षा के लिए एक निर्धारित लक्ष्य का होना जरूरी है।
  32. अच्छी पुस्तक का अध्ययन प्रखर बुद्धि वाले किसी विद्वान से, साक्षात्कार की आति ही सार्थक एव उपयोगी है।
  33. प्रत्येक अध्याय को कई विभागों में बाहदिया जाना चाहिए विभागों को पढ़ने, इसपर आपस में बातचीत करने और समझने के बाद ही अगले अध्याय की शुरुआत करे| प्रत्येक अध्याय में कुछ उपयोगी एक सूची बनाओं और उसके अर्थ मिलते है जिसकी को समझों तथा कभी भी भविष्य में आने पर आसानी आसानी से समझ सको। इससे बच्चों की स्मृति शान्त में वृद्धि होती है।
  34. प्रयोगात्मक विषयों का शिक्षण करने के बाद परीक्षण भी करना चाहिए। इससे बच्चों में सीखने का स्थायीत्व का विकास होता है।
  35. सभी विषयों की प्रदर्शनी का आयोजन भी कराया जाना चाहिए इससे के संरचनाताल एवं राजालाम दोनों ज्ञान का विका एवं तुलनात्मक ज्ञान में वृद्धि एवं अनुकरण की भावना का विकास होता है।
  36. अच्छी पुस्तक का अध्ययन प्रखर बुद्धि वाले किसी विद्वान से, साक्षात्कार की आति ही सार्थक एव उपयोगी है।
  37. प्रत्येक अध्याय को कई विभागों में बाहदिया जाना चाहिए विभागों को पढ़ने, इसपर आपस में बातचीत करने और समझने के बाद ही अगले अध्याय की शुरुआत करो
  38. प्रत्येक अध्याय में कुछ उपयोगी एक सूची बनाओं और उसके अर्थ मिलते है जिसकी को समझों तथा कभी भी भविष्य में आने पर आसानी आसानी से समझ सको। इससे बच्चों की स्मृति शान्त में वृद्धि होती है।
  39. प्रयोगात्मक विषयों का शिक्षण करने के बाद परीक्षण भी करना चाहिए। इससे बच्चों में सीखने का स्थायीत्व का विकास होता है।
  40. सभी विषयों की प्रदर्शनी का आयोजन भी कराया जाना चाहिए इससे के संरचनाताल एवं राजालाम दोनों ज्ञान का विका एवं तुलनात्मक ज्ञान में वृद्धि एवं अनुकरण की भावना का विकास होता है।
  41. अच्छे बालको को कभी-कभी न समल पाने पर उसके कम कार्यों को नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जैसे किसी बुद्धि बातको को उसकी क्षमता से कार्य को दिया जाता है तो वह अपने कार्यों को पूरा करके कुछ अलग कार्य करले जुगता है जिससे समाज में नकारात्मक भाव काबोध होता है। इस शक्ति की पहचाने और उसके बुदिर एवं रूचि के अनुरूप कामे दिया जाना चाहिए जिससे उसके नकारात्मक भावों का विकास न हो सकें



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मैं सोनू यादव एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हू, मैंने अलग- अलग डोमेन सूचना प्रौद्योगिकी,ब्लॉगिंग, पोकर गेमिंग, ई-स्पोर्ट्स, आई-गेमिंग, ई-कॉमर्स, और ई-लर्निंग, जॉब पोर्टल, जीपीएस टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न उद्योगों में 10 वर्षों से काम कर रहा हु| मै हिंदी से जुड़ा हु, हिंदी मेरे लिए एक बर्दान है और ब्लॉग्गिंग मेरी एक पैशन है, मै अपने बिचारो को लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हु, और करता रहूँगा|

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