यदि आप ये जानना चाहते है | Business Model of Airport | तो आज के इस ब्लॉग में हम जानेगे की कैसे एयरपोर्ट पैसे कमाता है और ये कैसे काम करता है| यदि आप यह सभी चीजों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।तो आज किस ब्लॉक में हम बात करेंगे कि Business Model of Airport?
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एयरपोर्ट कैसे पैसे कमाता है—
दोस्तों आप लोगों ने कभी ना कभी तो एयरप्लेन मे तो जरूर सफर किया होगा। लेकिन आप लोगों ने कभी यह सोचा है कि यह जो फ्लाइट टिकट होती है जिसका हम पैसा देते हैं। उसमें क्या-क्या चीजें Add होती है। मतलब वो जो पैसा है वह किसके पास कितना जाता है एयरलाइंस उससे कितना कमाती है क्या कभी आप लोगों ने यह सोचा है। लेकिन क्या आप लोगों को यह पता है कि जिस फ्लाइट को हम पकड़ने के लिए जाते हैं और जिस एयरपोर्ट से जाते हैं वह एयरपोर्ट उस एयरलाइन से कितना पैसा लेता है।
एयरलाइंस के लैंडिंग का पार्किंग का इत्यादि। और तो और एयरपोर्ट पर जो सिक्योरिटी चेक होती है उसका भी पैसा हमें लोगों से लिया जाता है। यदि आप लोग यह नहीं जानते कि एयरपोर्ट का बिजनेस मॉडल क्या है तो आज के इस ब्लॉग में हम बात करेंगे। कि आखिर कैसे एयरपोर्ट हम लोगों के द्वारा ही अपने बिजनेस को चलाते हैं।
तो दोस्तों चलिए मैं आप लोगों को एक उदाहरण के थ्रू यह समझाता हूं कि आखिर एयरपोर्ट का बिजनेस मॉडल क्या है।
मान लीजिए आप एक सिटी से दूसरे सिटी जा रहे हैं। यदि आप एक सिटी से दूसरी सिटी जा रहे हैं तो आप लोगों को यह भी चेक करना पड़ेगा कि कौन कौन सी फ्लाइट कौन कौन से सिटी तक जा रही है। जैसा कि आप जानते हैं कि इन कंपनियों को बोला जाता है एयरलाइंस ।
उदाहरण के लिए यदि आप इंडिया में देखोगे कि कौन-कौन सी एयरलाइंस हैं तो SPICEJET,AIR INDIA, JET AIRWAYS जो की अब नहीं है। और INDIGO इत्यादि। और इनके अलावा और भी बहुत सारी कंपनियां हैं जो कि यह दावा करते हैं कि हम आपको एक सिटी से दूसरे सिटी तक लेकर जाएंगे। हमारी एयरलाइंस के थ्रू। यदि कोई भी व्यक्ति जो एयरलाइंस को चलाना चाहता है सबसे पहले इन्वेस्टमेंट करता है खुद की प्लेंस को खरीदना है। खुद की एक टीम बनाता है। कि कितने लोग होंगे कितने पायलेट्स होंगे।
इसके बाद एयरपोर्ट का कांसेप्ट आता है क्योंकि यदि आप लोग किसी फ्लाइट को पकड़ना चाहते हैं तो सबसे पहले आप लोगों को एयरपोर्ट से होकर गुजरना पड़ेगा।और यह जो एयरपोर्ट है अधिकतर एयरपोर्ट तो भारत गवर्नमेंट के अंडर में आते हैं।और ऐसा भी नहीं है कि सारे एयरपोर्ट गवर्नमेंट के अंडर में ही आते हैं बल्कि कुछ एयरपोर्ट प्राइवेट भी होते हैं लेकिन सरकार ने उन पर भी अपना दबदबा बना कर रखा है। मतलब गवर्नमेंट ने वहां पर लैंड देकर रखा है पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर बना कर रखा है। मतलब एक प्रकार से वहां गवर्नमेंट का इन्वेस्टमेंट किया है।
और यह जो एयरलाइंस है जो हमें सर्विस देती है।और जब भी किसी एयरपोर्ट पर लैंड करेगी तो उससे पहले कुछ रूल्स एंड रेगुलेशन होते हैं जो इनको पूरे करने पड़ते हैं सबसे पहले इनको एयरपोर्ट पे रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद जब भी एयरलाइंस किसी एयरपोर्ट पर लैंड करती है तो उस लैंडिंग का इनको एयरपोर्ट को चार्ज देना पड़ता है।
दरअसल होता क्या है कि जब भी कोई एयरलाइंस किसी एयरपोर्ट पर लैंड करती है तो उस एयरलाइंस को एयरपोर्ट पर लैंड करने का कुछ चार्ज दिया जाता है तथा वहां से टेक ऑफ करने का भी चार्ज दिया जाता है| यदि वहां के RUNWAY को यूज करते हैं तो उस चीज का भी एयरपोर्ट को चार्ज दिया जाता है।
और भी ऐसे कई चार्ज जिस है जो एयरलाइंस को देने पढ़ते है जैसे एयरलाइंस के वैट के हिसाब से, एयरलाइंस के नॉइस के हिसाब से, कुछ और फिक्स चार्ज भी लेते हैं। तो एयरलाइंस का तो सिंपल सा फंडा है कि वह हमें एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में मदद करते हैं मतलब हमें सर्विस देते हैं लेकिन गवर्मेंट जिसने एयरपोर्ट का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है उसका चार्ज वह इस प्रकार एयरलाइंस से लेती है।
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और साथ ही कॉमेंट हम लोगों के थ्रू भी पैसा कमाते हैं दरअसल होता क्या है हम किसी लाइट को पकड़ने के लिए जाते हैं तो एयरपोर्ट के थ्रू ही जाते हैं एयरपोर्ट के थ्रू जाते समय हमारा वहां सिक्योरिटी चेक होता है तो उसका भी पैसा हम लोगों से ही लिया जाता है ऐसा नहीं है कि सिक्योरिटी चेक फ्री में करते हैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं है वो कैसे यदि आप लोगों ने जब भी किसी फ्लाइट का टिकट लिया होगा |
तो आप लोगों ने ध्यान दिया होगा कि उस टिकट पर पैसेंजर सर्विस चार्ज और एयरपोर्ट डेवलपमेंट लिखा होता है तो इन सभी का जो पैसा होता है वह हम सभी लोगों से ही लिया जाता है। तो एयरपोर्ट पर जितने भी पैसेंजर आते हैं जिनके पास टिकट होता है उन्हीं लोगों को एयरपोर्ट के अंदर आने दिया जाता है एयरपोर्ट के अंदर आने वाले पैसेंजर को निम्नलिखित प्रकार की सुविधाएं दी जाती हैं वहां पर सभी पैसेंजर को बैठने की सुविधा दी जाती है वॉशरूम और टॉयलेट की सुविधा भी दी जाती है लाइट की सुविधा दी जाती है|
और भी कई ऐसे प्रकार के सर्विस है जो हम लोगों को वहां दी जाती है इन सभी चीजों का जो पैसा है हम सभी लोगों से ही लिया जाता है।और भी जो पैसा है वह एयरपोर्ट इन एयरलाइंस से लेती है। इन सभी चीजों का जो पैसा एयरपोर्ट अपने लेवल पर लेती है
यदि घुमा फिरा कर बात करें तो इसका सीधा सा मतलब है कि हम जो फ्लाइट में ट्रैवलिंग कर रहे हैं हमारा आधा पैसा एयरलाइंस को दिया जाता है जबकि आधा से ज्यादा पैसा एयरपोर्ट को दिया जाता है जो कि हमें भिन्न प्रकार की सर्विस प्रदान करते हैं।
अब तो आप लोग यह समझ ही गए होंगे कि कैसे एयरपोर्ट हम लोगों के थ्रू कैसे पैसा कमाता है।
www.gyanpie.com के इस ब्लॉग के माध्यम से Business Model of Airport? और ये कैसे काम करता है के बारे में जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं और साथ ही यदि आप लोगों को यह जानकारी अच्छी लगी है तो आप अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसे पोस्ट जरूर करें ताकि इस ब्लॉग के माध्यम से आपको और आपके दोस्तों को और ऐसे ही knowledge जानकारी मिलती रहे।
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