Bhojpuri Kavita in Hindi – प्रेम नारायन तिवारी

Bhojpuri Kavita in Hindi

झरे लागल महुआ के पात,
बुझाता मधुमास आईल काहो?
सखी अमवा देखाला मोजरात,
बताव मधुमास आईल काहो??


कू कू कुहुकेले वन के कोइलिया,
भंवरा के भावत बा फुलवन के गलिया!
आरे हरदम फिरेला गुनगुनात हो!
बताव मधुमास आईल काहो??

पियर पियर सरसों के फुलवा फुलाईल,
मटर मोटाईल मोह लागे गदराईल!
देखि देखि हीया हुलुसात हो,
बताव मधुमास आईल का हो??


पछुआ पवन त उड़ावेला अंचरवा,
भरमत बा जाने कवना देश मे भंवरवा,
“प्रेम” उनसे दूरी सहि ना जात,
बताव मधुमास आईल का हो??
स्वरचित
प्रेम नारायन तिवारी, रुद्रपुर, देवरिया!

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मैं सोनू यादव एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हू, मैंने अलग- अलग डोमेन सूचना प्रौद्योगिकी,ब्लॉगिंग, पोकर गेमिंग, ई-स्पोर्ट्स, आई-गेमिंग, ई-कॉमर्स, और ई-लर्निंग, जॉब पोर्टल, जीपीएस टेक्नोलॉजी सहित विभिन्न उद्योगों में 10 वर्षों से काम कर रहा हु| मै हिंदी से जुड़ा हु, हिंदी मेरे लिए एक बर्दान है और ब्लॉग्गिंग मेरी एक पैशन है, मै अपने बिचारो को लोगो तक पहुचाने की कोशिश करता हु, और करता रहूँगा|

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