"Kabir Das Jayanti" 14/06/2022
कबीर दास एक "
धार्मिक
" एकता के प्रतीक थे |
संत
कबीर दास मध्यकाल
के महान कवि थे।
प्रति वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा के
दिन उनकी जयंती मनाई जाती है।
भक्ति काल के उस दौर में
कबीरदास जी ने अपना संपूर्ण जीवन
समाज सुधार में लगा दिया था।
माना जाता है कि कबीर दास जी का
जन्म सन् 1398 ई
के आसपास लहरतारा ताल,
काशी
के समक्ष हुआ था।
कुछ लोग
उन्हें हिन्दू मानते
हैं तो कुछ मुस्लिम कहते हैं |
कबीरदास जी देशाटन करते थे और सदैव
साधु-संतों की संगति में रहते थे।
कबीरदास ने अपना पूरा जीवन काशी में बिताया।
कहा जाता है कि 1518 ई के आसपास,
मगहर में उन्होंने
अपनी अंतिम सांस ली।
उनके दोहे
आज भी लोगों के मुख से सुनने
को मिलते हैं।
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