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भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध व्यक्तित्व l Great personalities of india
(एक लघु परिचय-Great personalities of india)
1.बिम्बिसार(Great personalities of india) – मगध का प्रतापी शासक था । उसी के समय मगध का विस्तार शुरू हुआ । बिम्बिसा ने अंग प्रदेश पर आक्रमण कर उसे मगध में शामिल कर लिया था । उसने मगध के विस्तार की नीति शुरू की थी । बिम्बिसार हर्यक वंश का शासक था । वर्द्धमान महावीर और गौतमबुद्ध बिम्बिसार के समकालीन थे । बिम्बिसार ने राजगृह को मगध की राजधानी बनाया । बिम्बिसार को मगध का प्रथम महान सम्राट भी कहा गया है ।
2.अजातशत्रु – बिम्बिसार का पुत्र और बिम्बिसार के बाद 516 ई ० पू ० से 479 ई ० पू ० तक मगध का शासक था । अजातशत्रु ने मगध का काफी विस्तार किया । उसने वैशाली को जीता तथा प्रसेनजित को पराजित कर काशी को मगध में शामिल कर लिया । बाद में कौशल राजकुमारी से विवाह कर उसे भी मगध राज्य में मिला लिया । अजातशत्रु ने गंगा और सोन के संगम पर पाटलिग्राम में Okकिला बनवाया । और पाटलिपुत्र की नींव रखी । महात्मा बुद्ध और महावीर , अजातशत्रु के समकालीन थे । अजातशत्रु के शासनकाल में ही 483 ई ० पू ० में बौद्धों की प्रथम संगीति का आयोजन हुआ ।
3.चंद्रगुप्त मौर्य – मौर्य साम्राज्य का संस्थापक था । उसने 322 ई ० पू ० से 298 ई ० पू ० तक ( 24 ) वर्ष ) शासन किया । चंद्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य की सहायता से अपने साम्राज्य को स्थापित किया था और उसी की नीतियों पर चलकर साम्राज्य विस्तार भी किया था । 305 ई ० पू ० में चंद्रगुप्त मौर्य ने यूनानी राजा सेल्यूकस को पराजित किया और उससे काबुल , कंधार , हेरात और ब्लूचिस्तान के प्रदेश ले लिए चंद्रगुप्त 18 वर्ष की अवस्था में राजसिंहासन पर बैठा । चंद्रगुप्त के दरबार में मेगस्थनीज एक यूनानी राजदूत के रूप में 6 वर्षों तक रहा और उसने ‘ इण्डिका ‘ की रचना की । मेगस्थनीज की ‘ इण्डिका ‘ Bऔर कौटिल्य के अर्थशास्त्र से चंद्रगुप्त मौर्य की शासन प्रणाली की जानकारी मिलती है । चन्द्रगुप्त मौर्य ने भारतीय इतिहास में अपनी सीमाओं का अद्भुत विकास किया ।
4.कौटिल्य ( चाणक्य ) – इनको विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है । चाणक्य मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य का प्रधान अमात्य था । कौटिल्य ने ‘ अर्थशास्त्र ‘ नामक एक ग्रंथ की रचना की जो संस्कृत साहित्य में राजनीति शास्त्र की सर्वाधिक प्रमुख रचना है । चाणक्य ने अपने म ग्रंथ में राज्य प्रशासन के लिए सभी प्रकार के विषयों का सूक्ष्म और स्पष्ट विवरण प्रस्तुत किया है । कौटिल्य प्राचीन भारत का पहला ऐसा रचनाकार था , जिसने ब्राह्मणों के लिए भी समान दण्ड संहिता | और नारियों के लिए पूर्ण स्वतन्त्रता की वकालत की । उसने दासों को कृषि कार्य के लिए प्रेरित किया कौटिल्य को भारत की राजनीति में सर्वाधिक कुटिल ( कूटनीति मर्मज्ञ ) व्यक्ति कहा जाता है I कौटिल्य ने कूटनीति के अद्भुत प्रयोग कर राजनीति को एक नया आयाम दिया ।
5.बिन्दुसार– चंद्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी था । उसने 300 ई ० पू ० से 273 ई ० पू ० तक मगध – साम्राज्य पर शासन किया ।
बिन्दुसार ने ‘ अमित्रघात ‘ की उपाधि ली । बिंदुसार के समय , कलिंग को छोड़कर बाकी सारे प्रदेश मगध साम्राज्य में शामिल कर लिए गए थे । भारत के प्रमुख सम्राटों में गिना जाने वाला शासक सम्राट अशोक बिंदुसार का ही पुत्र था । बिंदुसार के दरबार में यूनानी राजदूत डायमेट्स आया था ।
6.अशोक(Great personalities of india) – बिंदुसार का पुत्र और उत्तराधिकारी था उसने 273 ई . पू . 232 ई.पू. तक शासन किया । अशाक भारत का पहला ऐसा शासक था जिसके अभिलेख स्पष्ट रूप से पढ़े जा सके हैं । अभिलेखों में अशोक को देवनापियदस्सी कहा गया है । उसका पूरा नाम अशोकवर्द्धन था । अशोक प्राचीन भारत का पहला ऐसा शासक था , जिसने युद्ध विजय की जगह धम्म – विजय को अपनाया । उसे में उपगुप्त अथवा मोगलिपुत्त तिस्स ने दीक्षित किया था अशोक का धाम विश्व प्रसिद्ध है ।
अशोक ने ही कलिंग को मगध साम्राज्य में सम्मिलित किया था । अशोक ने बौद्धों की तृतीय संगीति का आयोजन पाटलिपुत्र में किया था । अशोक नाम स्पष्ट रूप से दो ही अभिलेखों में मिलता है जो मस्की और गुर्जरा – अभिलेख हैं । कलिंग युद्ध के बाद अशोक ने हिंसा का त्याग कर दिया ।
7.कालिदास – संस्कृत साहित्य के नाटककारों और कवियों में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं । उन्होंने ‘ अनभिज्ञानशाकुंतलम , रघुवंशम , मालविकाग्निमित्रम , विक्रर्मोशीयम , मेघदूतम , ऋतुसंहारम और कुमारसंभव की रचना की । कालिदास को गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय का दरबारी माना जाता है । कालिदास की रचनाएं ऐतिहासिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं । कालिदास को भारत का शेक्सपियर भी कहा जाता है ।
8.चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य- – हिन्दुत्व का उद्धार करने वाले जिसे चन्द्रगुप्त द्वितीय के नाम से भी जाना जाता है । विक्रम सम्वत् इन्हीं के समय प्रचलन में आया चीनी यात्री फाह्यान इन्हीं के शासनकाल में भारत आया था । इनका शासनकाल 375 ई ० पू ० से 413 ई ० पू ० तक रहा । शकों पर विजय प्राप्त कर इन्होंने विक्रमादित्य की उपाधि धारण की ।
9.हर्षवर्धन – 606 ई ० में जन्मा उत्तर भारत का अन्तिम हिन्दू शासक था , इन्हीं के काल में चीनी ह्वेनसांग भारत आया था । बाणभट्ट इन्हीं के दरबारी कवि थे ।
10.कनिष्क – 6 कुषाणवंश का महान शासक था । इनका साम्राज्य पामीर पठार से आगे मध्य एशिया तक फैला था । यह बौद्ध धर्म का संरक्षक था । इसने कशमीर में चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कराया था।
11.अलाउद्दीन खिलजी – यह उत्तरी भारत पर शासन करने वाला खिलजी वंश का सबसे शक्तिशाली शासक था । इसके शासनकाल में मुसलमानों का साम्राज्य दक्षिणी पठार तक फैला । इसने 1296 से 1316 तक राज्य किया ।
12.बाबर – बाबर का जन्म 1483 ई ० में हुआ था । इसी ने भारत में मंगल शासक की नींव डाली । 1526 में पानीपत के प्रथम युद्ध में उसने इब्राहिम लोदी को पराजित किया । 1530 में इसका निधन हुआ । इसका पुत्र हुमायूँ था ।
13.अकबर -15 अक्टूबर , 1542 को अमरकोट में अकबर का जन्म हुआ । पिता का नाम हुमायूँ माता का नाम हमीदा बेगम था । मात्र 14 वर्ष की उम्र में मुगल सम्राट घोषित हुआ । अकबर ने 1562 में दास प्रथा , 1564 में जजिया कर समाप्त कर दिया । अकबर ने 1582 में ‘ दीन – ए – इलाही ‘ धर्म चलाया जो अकबर की मृत्यु के साथ ही समाप्त हो गया ।
14.जहाँगीर– अर्थात् सलीम का जन्म 1569 में अकबर की पत्नी मरियम उज्जमानी से हुआ । 1611 में जहाँगीर ने मेहरुन्निसाँ नाम की विधवा से विवाह किया । इसी का नाम बाद में नूरजहाँ पड़ा । 1627 में जहाँगीर की मृत्यु हुई ।
15.महाराणा प्रताप(Great personalities of india) – स्वाभिमानी व पराक्रमी राजपूत शासक जिसने अकबर के साथ हल्दी घाटी युद्ध किया । ( 1576 ई ० ) । हालाँकि इस युद्ध में महाराणा की पराजय हुई , लेकिन वे निरंतर संघर्ष में करते रहे ।
16.पृथ्वीराज चौहान – 12 वीं शताब्दी का प्रसिद्ध राजपूत शासक , जिसके शासनाधीन दिल्ली व अजमेर राज्य थे । मुहम्मद गौरी ने 1192 ई ० में पृथ्वीराज चौहान को पराजित कर उनकी हत्या कर दी ।
17.शाहजहाँ– प्रसिद्ध मुगल शासक जहाँगीर का पुत्र , जिसका शासन काल ( 1627-58 ) मुगलों का ‘ स्वर्ण युग ‘ कहलाता है । शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल ( मूल नाम अर्जुमंद बानो बेगम ) की याद में आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल बनवाया । दिल्ली के लाल किले और जामा मस्जिद का निर्माण भी शाहजहाँ ने करवाया ।
18.शिवाजी– 1627 ई ० में जन्में प्रसिद्ध व कुशल मराठा प्रशासक , जिन्होंने मुगल साम्राज्य औरंगजेब के विरुद्ध निरन्तर संघर्ष किया और दक्षिण में हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की । 1674 ई ० में इन्होंने रायगढ़ में राजा की पदवी ग्रहण की । इन्हें छत्रपति के नाम से भी जाना जाता है । 1680 में इनका निधन हो गया ।
19.टीपू सुल्तान– अंग्रेजों विरुद्ध अत्यन्त साहस व वीरता से युद्ध करने वाला मैसूर का शासन जो हैदर अली का पुत्र था । 1799 के युद्ध में टीपू की पराजय हुई तथा युद्ध क्षेत्र में ही उसका निधन गया ।
20.लाला लाजपत राय– 1865 ई ० में जन्मे शेरे पंजाब और पंजाब केसरी के नाम से विख्या पंजाब के प्रसिद्ध लेखक , वक्ता व स्वाधीनता सेनानी । ये केन्द्रीय असेम्बली में नेशनलिस्ट पार्टी के ने थे । 1928 साइमन कमीशन के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठी चार्ज में गंभीर चोट लग जा के कारण इनका निधन हो गया ।
21.रानी लक्ष्मीबाई(Great personalities of india) ( 1835-1858 ) झाँसी की रानी के नाम से विख्यात बुन्देला राज्य को पराक्रमी वीरांगना रानी , जिन्होंने ग्वालियर में अंग्रेजी सेना से लड़ने वाली भारतीय सेना का नेतृत्व किया और वीरगित को प्राप्त हुई।
22.लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक – 23 जुलाई , 1856 को रत्नगिरी महाराष्ट्र ) में जन्मे महान राष्ट्रवादी नेता व प्रकांड धार्मिक विद्वान जिन्होंने होमरूल ली ( 1915 ) की स्थापना की व घोषणा की कि ” स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है , इसे मैं लेकर रहूँगा । ” भगवद्गीता पर लिखी टीका ‘ गीता रहस्य ‘ उनकी प्रमुख पुस्तक है । 1920 में इनका निधन हो गया ।
23.मोहनदास करमचंद गाँधी(Great personalities of india) -2 अक्टूबर 1869 को पोरबन्दर ( गुजरात ) में जन्मे महात्मा गाँधी विश्व इतिहास के चंद ऐसे महान पुरुषों में से एक थे जिन्हें धर्म , जाति , रंग , भेद , वर्ण , समाज व देश की सीमाओं में नहीं बाँधा जा सकता । बापू , महात्मा , राष्ट्रपिता आदि नामों से लोकप्रिय गाँधी ने 1917 चम्पारण से अपने प्रथम सत्याग्रह आंदलोन शुरू किया । 1920 में असहयोग आन्दोलन चलाया । 1930 में दाण्डी यात्रा की व नमक तोड़कर ‘ सविनय अवज्ञा आन्दोलन चलाया 1942 में ‘ भारत छोड़ो आन्दोलन तथा ‘ करो या मरो ‘ का नारा दिया । 30 जनवरी , 1948 को दिल्ली में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी ।
24.महामना मदनमोहन मालवीय – 1861 में इलाहाबाद में जन्में कांग्रेसी नेता , अभ्युदय व लीडर के संपादक रहे । ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भी 3 बार अध्यक्ष रहे तथा 1906 में इन्होंने हिन्दू महासभा की स्थापना की । चौरी – चौरा काण्ड के 225 अभियुक्तों के लिये वकालत की तथा 153 को सजामुक्त कराया 1931 में लंदन के गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया । बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की । 1946 में इनका देहान्त हो गया ।
25.राजा राममोहन राय– 19 वीं शताब्दी के भारत के सुप्रसिद्ध समाज सुधारक व शिक्षाविद् जिन्होंने 1828 में ब्रह्म समाज की स्थापना की । उन्होंने मूर्तिपूजा , बुद्धदेववाद व कर्मकाण्डों का विरोध किया तथा सती प्रथा , बाल विवाह व पर्दा प्रथा के उन्मूलन के लिये प्रयास किये । विधवा पुनर्विवाह व स्त्री शिक्षा के प्रसार हेतु प्रयत्नशील रहे । 1833 में इनका निधन हो गया । यीशू के सिद्धान्त , संक्षिप्त वेदना , तुहपातुम , मुजाहिदीन , मताजरतुल आदियाना व ईसाई जनता से अपील आदि उनकी प्रमुख्य रचनायें हैं ।
26.रवीन्द्रनाथ टैगौर(Great personalities of india) ( 1861-1941 ) – 1913 में गीतांजली के लिये ‘ नोबेल पुरस्कार ‘ दिया गया । ब्रिटिश सरकार ने उन्हें ‘ सर ‘ की उपाधि प्रदान की । उन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है । भारत के राष्ट्रीय गान ‘ जन – गण – मन ‘ की रचना गुरुदेव ने ही की ।
27.सरदार पटेल ( 1875-1950 ) – पटेल एक कुशल प्रशासक व राजनेता थे । उन्होंने लगभग 562 रियासतों का भारत में विलय कराया । उन्हें 1991 में मरणोपरांत ‘ भारत रत्न ‘ से सम्मानित किया । गया । वे भारत के प्रथम उप – प्रधानमंत्री व गृहमंत्री बने ।
28.नेहरू ( 1889-1964 ) – भारत के प्रसिद्ध स्वाधीनता सेनानी व देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे । 1929 में पहली बार काँग्रेस के अध्यक्ष चुने गये । ‘ पंचशील के सिद्धान्त ‘ को प्रतिपादित किया । ये निर्गुट ( NAM ) आन्दोलन के संस्थापकों में से एक थे ।